मार्गशीर्ष के महीने में शुक्ल पक्ष में मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष मोक्षदा एकादशी 03 दिसंबर को है। इस दिन एकादशी का व्रत किया जाता हैं। मोक्ष की प्राप्ति के लिए ये एकादशी व्रत किया जाता है और गीता जयंती भी उसी दिन ही पड़ती है। इस दिन भगवान कृष्ण ने महाभारत में अर्जुन को भगवद गीता का उपदेश दिया था। शास्त्रों के अनुसार इस दिन उपवास रखने और भगवान कृष्ण की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और पूर्वजों को स्वर्ग तक पहुंचने में मदद मिलती है। मोक्षदा एकादशी की तुलना मणि चिंतामणि से की जाती है, क्योंकि इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
कथा-सार -
ये पिता के प्रति भक्ति और दूसरों के लिए पुण्य अर्पित करने की श्रेष्ठ और पवित्र कथा है। इसका उपवास केवल उपवास करने वाले मनुष्य का ही नहीं, बल्कि उसके पितरों का भी भला करता है, अपने किसी सगे-सहोदर, मित्र-बंधु को भी इस उपवास का फल अर्पण करने से उसके भी पापों व क्लेशों का नाश हो जाता है।
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एकादशी मुहूर्त-
शनिवार, 3 दिसम्बर-2022
एकादशी तिथि प्रारम्भ – 03 दिसम्बर को सुबह 05:39 से
एकादशी तिथि समाप्त – 04 दिसम्बर को सुबह 05:34 तक
4 दिसम्बर को, पारण समय – अपराह्न 01:14 से 03:19 तक
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